पेगासस क्या है ?| Pegasus Spyware |भारत में Pegasus Virus |इजराइली कम्पनी NSO Group |Technical Rakesh
Pegasus Virus क्या है? कहा से आया ये वायरस? और किसके किसके मोबाइल हुए हैक। क्यों है ये वायरस इतना खतरनाक। चालिए जानते है।
बीते दिनों में आप में से कई लोगो ने इस Viral खबर के बारे में सुना होगा तो आज इसी के बारे में जानेंगे भारत में Pegasus Spyware फिर से एक बार चर्चा में हैं.दावा किया जा रहा है की भारत में कई पत्रकारों और चर्चित हस्तियों के Phone की जासूसी की जा रही है. Israel की साइबर सुरक्षा कंपनी NSO ने Pegasus Virus को तैयार किया है. Mexico और Saudi Arabia की सरकार ने भी इसके इस्तेमाल को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। बांग्लादेश समेत अन्य कई देशों ने Pegasus Spyware को ख़रीदा है.वैसे आपको बता दे की इसे लेकर पहले भी काफ़ी विवाद हुए हैं. WhatsApp के स्वामित्व वाली कंपनी Facebook के साथ अन्य कई दूसरी कंपनियों ने इस पर मुकदमे दर्ज किए हैं. वैसे तो भारत के बारे में आधिकारिक तौर पर ये जानकारी नहीं है कि सरकार ने NSO से 'Pegasus Virus' को खरीदा है या नहीं.
वैसे इस सम्बंध में NSO ने पहले ख़ुद पर लगे सभी आरोपों को ख़ारिज किए हैं. और कंपनी ये भी दावा करती रही है कि वो इस Pegasus प्रोग्राम को सिर्फ मान्यता प्राप्त Goverment Agencies को ही बेचती है और इसका उद्देश्य मात्र आतंकवाद और अपराध के खिलाफ लड़ना है. खैर अभी आरोपों को लेकर NSO ने ऐसे ही दावे किए हैं। और सरकारें भी जाहिर तौर पर यह बात बताती हैं कि इसे ख़रीदने के पीछे उनका उद्देश्य सिर्फ सुरक्षा और आतंकवाद पर रोक लगाने का है। लेकिन फिर भी कई सरकारों पर Pegasus Virus के मनमाने इस्तेमाल और दुरुपयोग के बड़े आरोप लगे हैं।
ये काम कैसे करता है?
Pegasus एक स्पाइवेयर है जिसे Israel Cyber सुरक्षा कंपनी NSO Group Off Technologys ने बनाया है. और ये एक ऐसा Program है जिसे अगर किसी के भी Smartphone में डाल दिया जाए, तो कोई Hecker उस Smartphone के कैमरा, ऑडियो, माइक्रोफ़ोन, टेक्सट मेसेज, ईमेल और लोकेशन तक की जानकारी को आसानी से हासिल कर सकता है.Cyber Sequrity Company Kaspersky की एक Report के अनुसार, Pegasus आपको Encrypted ऑडियो को सुनने और Encrypted Message को पढ़ने लायक बना देता है. Encrypted संदेश ऐसे होते हैं जिसकी जानकारी केवल massage भेजने वाले और received करने वाले को होती है. जिस Company के प्लेटफ़ॉर्म पर Message भेजा जा रहा, वो भी उसे देख या सुन नहीं सकती है। Pegasus के इस्तेमाल से Hack करने वाले को उस व्यक्ति के Mobile से जुड़ी सभी जानकारियां मिल सकती हैं.
क्या है इसकी कीमत?
एक रिर्पोट के मुताबिक Pegasus को Install करने के लिए NSO लगभग 3.7 करोड़ रुपये के आसपास का शुल्क लेता है। और 10 IPhone और Android User की जासूसी के लिए सरकारी एजेंसियों से 4.8 करोड़ रुपये का शुल्क लेता है। वही 5 BlackBerry User के लिए $ 500,000 और ऐसे ही 5 Symbian Mobile User के लिए $ 300,000 तक का चार्ज लगाया है।
पहली बार 2016 में सामने आया Pegasus
एक रिपोर्ट के मुताबिक Pegasus से जुड़ी जानकारी पहली बार साल 2016 में United Arab Emirates के मानवाधिकार कार्यकर्ता अहमद मंसूर की बदौलत मिली. उन्हें कई SmS Received हुए थे जो उनके हिसाब से वो संदिग्ध थे उनका मानना था कि उन्हें वो Link गलत मकसद से भेजे गए थे. उन्होंने अपने Phone को टोरंटो विश्वविद्यालय के 'सिटीजन लैब' के Experts को दिखाया. उन्होंने एक दुसरे Cyber Sequrity फर्म 'Lookout' से मदद ली मंसूर का अंदाज़ा बिलकुल सही था. अगर उन्होंने उस Link पर क्लिक किया होता, तो उनका I Phone Malware से संक्रमित हो जाता. इस Malware को ही Pegasus का नाम दिया गया था
लेकिन यहां पर गौर करने वाली बड़ी बात ये है कि आमतौर पर बेहद सुरक्षित माने जाने वाले Apple Phone की Sequrity को भी ये Pegasus Spyware भेदने में कामयाब हो गया हालांकि Apple ने इससे निपटने के लिए Update लेकर आया था.
फिर इसके बाद न्यूयॉर्क टाइम्स 2017 में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक Mexico की Goverment पर Pegasus की help से Mobile की जासूसी करने वाला उपकरण बनाने के भी आरोप लगाए Report के हिसाब से इसका use Mexico में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, भ्रष्टाचाररोधी और पत्रकारों के ख़िलाफ़ किया गया था. Mexico के फेमस पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने खुद ही सरकार पर Mobile Phone से जासूसी करने का आरोप लगाया और इसके Against मामला भी दर्ज कराया है.
एक Report में कहा गया है कि Pegasus Software मैक्सिको की Goverment को इसरायली कंपनी NSO ने एक शर्त पर बेचा था कि वो इस Pegasus का Use सिर्फ़ अपराधियों और आतंक के ख़िलाफ़ ही करेंगे. न्यूयॉर्क टाइम्स के हिसाब से इस Software की खास बात यह है कि यह Smartphone और मॉनिटर, Call, टेक्स्ट्स और दूसरे बातो का भी पता लगाया जा सकता है. यह Phone के Microphone या Camera को भी Activate कर सकता है.
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कंपनी का Facebook से विवाद
2020 में मई के महीने में आई एक Report में यह आरोप लगाया गया कि NSO Group ने यूज़र्स के Phone में Hacking Software डालने के लिए Facebook के जैसे दिखने वाली Website का प्रयोग किया.समाचार Website मदरबोर्ड की एक जांच में यह दावा किया गया था कि NSO ने Pegasus Hacking Tool को फैलाने के लिए एक Facebook से मिलता जुलता ही Domain बनाया.
Website ने यह भी दावा किया कि इस काम के लिए America में मौजूद Server का use किया गया था. बाद में Facebook ने यह बताया कि उन्होंने इस Domain पर अपना अधिकार हासिल किया ताकि इस spyware को और फैलने से रोका जा सके.हालांकि NSO Grouo ने इन सभी आरोपों से इनकार करते हुए इसे बस "मनगढ़ंत" करार दिया था. Israeli फर्म इससे पहले से ही Facebook के साथ कानूनी लड़ाई में फंसा हुआ है. 2019 में Facebook ने आरोप लगाया था कि NSO ने जानबूझकर Whatsapp पर अपने Software को फैलाया ताकि लोगों के Phone की SEQURITY से समझौता किया जाए. Facebook के मुताबिक जिनके phone hack हुए उनमें पत्रकार और मानवाधिकार के कार्यकर्ता भी शामिल थे.
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आरोपों पर Company का कहना
NSO Group कंपनी हमेशा से यह दावा करती रही है। कि ये Program वो केवल मान्यता प्राप्त Goverment Agencies को बेचती है और इसका उद्देश्य सिर्फ इस "आतंकवाद और अपराध के खिलाफ लड़ना है. Company ने कैलिफोर्निया की Court में यह कहा था कि हमारा NSO Group कभी भी अपने Spyware का प्रयोग नहीं करती है। हमें अपनी Technology तथा Crime और आतंकवाद से निपटने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर गर्व है, लेकिन NSO अपने Product का इस्तेमाल खुद नहीं करता, हमने कई बार यह बात साफ़ साफ़ कही है। कि NSO के Product Sirf सत्यापित और अधिकृत Goverment Agencies को दिए ही जाते हैं और वही लोग इसे संचालित भी करते हैं।
Corona काल में फिर सामने आया नाम
अभी पिछले साल में ही कंपनी ने एक ऐसे Software के निर्माण का दावा किया था जो की Corona Virus के फैलने की निगरानी एवं इससे जुड़ी कुछ भविष्यवाणी करने में काफी हद तक मदद कर सकता है। इसके लिए Mobile Phone Data का प्रयोग करता है। NSO के हिसाब से वो दुनिया भर की Goverment के साथ वार्तालाप कर रहा था और दावा किया कि कुछ देश इसका Experiment भी कर रहे हैं।
तो यह रही Pegasus Spyware से जुड़ी कुछ खास व जरूरी जानकारियां अगर आपको Post अच्छी लगे तो आगे भी शेयर करे। मिलते है एक नई जानकारी में तब तक के लिए जय हिंद।